लाइकेन के संवर्धन के अतिरिक्त संघटक कवक और शैवाल भी स्वेच्छया पृथक् जनन करते हैं।
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लाइकेन के संवर्धन के अतिरिक्त संघटक कवक और शैवाल भी स्वेच्छया पृथक् जनन करते हैं।
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मिट्टी की उर्वरता को न केवल वरदान की रासायनिक संरचना पर निर्भर करता है लेकिन यह भी जीवाणु, कवक और शैवाल जैसे सूक्ष्मजीवों का उपयोग करता है जो कि वायुमंडलीय नाइट्रोजन का इस्तेमाल कर या मिट्टी में उपलब्ध अघुलनशील फास्फेट को ऐसे प्रपत्रों में बदलने में सक्षम हैं जो पौधों को लाभ पहुँचाते हैं|